पहाड़ में विकास बहुत धीरे चढ़ता है। इतना धीरे कि सरकार से आदेश होने के बाद भी आम आदमी तक उसके पहुंचने में कई साल लग जाते हैं। फाइलों में फंसे अफसर पहाड़ की पीड़ा तक नहीं समझते। अल्मोड़ा में सोमेश्वर ब्लॉक के भिटाराकोट क्षेत्र के तोकों को जोड़ने वाली लिंक रोड इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। सरकार ने यहां सड़क निर्माण की स्वीकृति तो दे दी लेकिन अफसर चार साल में जमीन फाइनल नहीं कर सके। अल्मोड़ा जिले में लंबे समय से स्वीकृत ये सड़क सिविल भूमि के आवंटन की प्रक्रिया अधूरी होने के कारण अब तक शुरू नहीं हो पाई हैं। इससे संबंधित क्षेत्रों के ग्रामीणों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोमेश्वर ब्लॉक के भिटाराकोट ग्राम पंचायत के कफारतोक, लालरतोक, मदनपुर तोक के 300 से अधिक लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से यहां से लोग पलायन कर रहे हैं। इसके बाद भी सड़क निर्माण के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। वर्षों से सड़क निर्माण की प्रतीक्षा कर रहे लोगों में गहरी नाराजगी है।ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरा क्षेत्र सब्जी उत्पादन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सड़क न होने से ग्रामीणों को सब्जी और अन्य उत्पाद बेचने के लिए बाजार नहीं मिल पा रहा है। वर्ष 2021 में सड़क के निर्माण के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। इसके लिए करीब 42 लाख रुपये स्वीकृत भी हो गए हैं, लेकिन सिविल भूमि न मिलने के कारण इनका निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों ने शीघ्र सड़क का निर्माण करने की मांग की है। लालर तोक में सबसे ज्यादा किसानी करने वाले लोग हैं। मुधमक्खी पालन से लेकर बकरी पालन खेती का काम करते हैं। सड़क नहीं होने से उत्पादों को बाजार पहुंचाने में दिक्कत होती है। अगर सड़क बन जाएं तो सभी को लाभ मिलेगा। – ललित पांडे, काश्तकार