Tuesday, September 23, 2025
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बिना पद नियुक्त हुए लोगों की मांगी गई रिपोर्ट उत्तराखंड निकायों के करीब 700 कर्मचारियों की नौकरी पर लटकी तलवार

देहरादून। उत्तराखंड में निकाय चुनाव नजदीक हैं। वहीं निकाय चुनाव से ठीक पहले निकायों में बिना पदों के भर्ती के लिए आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर शासन ने नजर टेढ़ी कर दी है। इस संबंध में विभाग ने सभी निकायों से रिपोर्ट मांगी है।

बिना पदों के भर्ती कर्मियों पर गिरेगी गाज। उत्तराखंड में अब कुछ ही दिनों में निकाय चुनाव का कार्यक्रम जारी हो सकता है। निकायों में नए बोर्ड के गठन से पहले शासन सभी निकायों में रखे गए ऐसे आउटसोर्स कर्मचारियों को चिन्हित करने में लगा हुआ है, जो बिना पदों के भरे गए हैं। शहरी विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश भर के सभी निकायों में 8,000 आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं। वहीं विभागीय जानकारी के अनुसार इन सभी 8,000 आउटसोर्स कर्मचारियों में से तकरीबन 700 कर्मचारी ऐसे भर्ती किए गए हैं। जिनके पद स्वीकृत ही नहीं थे।

शासन ने मांगी ऐसे कर्मचारियों की रिपोर्ट। नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगमों में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कई ऐसे लोगों को नौकरी दी जाती है। जिनके सापेक्ष कोई पद स्वीकृत नहीं होता है. शासन ने ऐसे पदों को लेकर कार्रवाई करने का मन बना लिया है जो स्वीकृत नहीं हैं। फिलहाल शासन अभी डाटा कलेक्ट कर रहा है। शासन ने शहरी विकास विभाग के माध्यम से सभी निकायों से ऐसे कर्मचारियों की सूचना मांगी है, जिनके सापेक्ष पद स्वीकृत नहीं हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार ऐसे कर्मचारियों को उनके पदों से हटाया जाएगा।

एडीयूडीडी ने क्या कहा। एडिशनल डायरेक्टर शहरी विकास विभाग डॉ ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि विभाग द्वारा 12 जून 2015 को पुनर्गठित ढांचे में स्वीकृत पदों के अलावा अगर किसी भी तरह से नियुक्ति दी गई है तो उसको लेकर विभाग ने सभी निकायों से उन नियुक्तियों के बारे में जानकारी मांगी है। शासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार अगर इन कर्मियों को निकाय अपने स्तर पर नियमित वेतन देता है। तो संबंधित निकाय से ही वसूली की जाएगी। एडिशनल डायरेक्टर शहरी विकास विभाग डॉ ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि विभाग द्वारा एक सप्ताह के भीतर सभी निकायों से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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