रामनगर। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का लगातार विरोध हो रहा है। अब इस विरोध में वकील भी उतर आए है। वकीलों का कहना है कि यूसीसी कानून की वजह उनका काम प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा वकीलों ने जमीनों की रजिस्ट्री प्रक्रिया के ऑनलाइन किए जाने का विरोध भी किया है। नैनीताल जिले के रामनगर में वकीलों ने अपनी मांगों को लेकर उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद अलग-अलग जिलों के अधिवक्ताओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। अधिवक्ताओं ने उत्तराखंड में लागू की गई समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और जमीनों की रजिस्ट्री प्रक्रिया ऑनलाइन किए जाने का विरोध शुरू कर दिया है। अधिवक्ताओं का आरोप है कि ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिये उनके काम छीने जा रहे हैं। इसी क्रम में बार एसोसिएशन के बैनर तले रामनगर में सरकार के खिलाफ अधिवक्ताओं ने नारेबाजी करते हुए समान नागरिक संहिता को रद्द करने की मांग।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित तिवारी ने कहा कि यूसीसी के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किए जा रहे है, जो सही नहीं है। ललित तिवारी का कहना है कि यूसीसी के तहत वसीयत और विवाह पंजीकरण के अलावा जमीनों की रजिस्ट्री प्रक्रिया भी डिजिटल कर दी गई है। जिससे वकीलों का काम प्रभावित हो रहा है। बार एसोसिएशन के सचिव संतोष देवरानी ने कहा कि नए कानून यूसीसी के नए प्रावधानों से वकीलों की आजीविकाओं पर सीधे प्रभाव पड़ रहा है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब तक विवाह या रजिस्ट्री प्रक्रिया में पहले की तरह वकीलों के अधिकार शामिल नहीं होंगे, तब तक इसका विरोध किया जाएगा। यदि सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया तो वकील बैठक कर आगे की रणनीति तय करेगे।