Friday, November 7, 2025
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मेडिकल कॉलेज में एक माह बाद भी नहीं आई एंटी रैबीज वैक्सीन

अल्मोड़ा। मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल में एक महीने से कुत्ते, बंदरों के काटने का उपचार बंद है। अब तक अस्पताल को एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं मिल सकी हैं। ऐसे में इन जानवरों के हमले में घायल होकर हर रोज अस्पताल पहुंच रहे 10 से 15 लोग उपचार के लिए भटकने के लिए मजबूर हैं। मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर नहीं हो पा रही हैं। एक महीने पहले यहां एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म हो गई थीं, इसकी अब तक व्यवस्था नहीं हो सकी है। कुत्ते और बंदरों के हमले में जिले के विभिन्न हिस्सों से 10 से अधिक घायल उपचार के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन उन्हें वैक्सीन खत्म होने का हवाला दे रहा है। ऐसे में ये घायल अन्य अस्पतालों की दौड़ लगाने के लिए मजबूर हैं। उन्हें या तो निजी अस्पतालों में जाकर वैक्सीन खरीदनी पड़ रही है या चार किमी दूर जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ रही है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि वैक्सीन की डिमांड भेजी गई है। उम्मीद है जल्द उपलब्ध होंगी। संवाद

एक महीने से अल्ट्रासाउंड भी ठप
अल्मोड़ा। मेडिकल कॉलेज और इसके अधीन बेस अस्पताल में अब तक रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं हुई है। यहां पहुंचने वाले मरीजों और गर्भवतियों को राहत देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने उधारी में रेडियोलॉजिस्ट दिया था, इन्हें एक महीने पहले जिला अस्पताल वापस बुला लिया गया। तब से यहां अल्ट्रासाउंड ठप हैं और मरीजों और गर्भवतियों को जांच के लिए भटकना पड़ रहा है। प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने कहा कि रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती के प्रयास हो रहे हैं।

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